तु जूग्नु अंधेरी रातों का प्रेरणादायक कविता - suryavanshiyodha

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Thursday, July 26, 2018

तु जूग्नु अंधेरी रातों का प्रेरणादायक कविता

तु जूग्नु अंधेरी रातों का प्रेरणादायक कविता

Tu jugnu Andheri rato ka

तुम एक जुगनू हो अंधेरे में चमकने वाले।।
क्या ठंडा, क्या गर्मी, क्या वर्षा क्या, धूप जो तुम पर लवलेश हो,
क्या दुख क्या सुख, क्या कांटे, क्या फूल तुम तो अपने रास्ते में विशेष हो,
 तुम एक नदी हो मुसीबतों से ना मुड़ने वाले।
 बाधाओं को परास्त कर समुद्र से जुड़ने वाले।।
 है तुम में इतनी ताकत कि काल को पछाड़ दो। चाहे क्यों नहीं तुम्हारे रास्ते में पथरीला रास्ता या पहाड़ हो ।।
तुम एक सूर्य हो निरंतर कर्म पथ पर बढ़ने वाले।
 मेघों के तांडव बादलों की गर्जना से ना डरने वाले।।
 तुम एक जुगनू हो अंधेरे में चमकने वाले अंधेरी रातों में निर्भय गति से चलने वाले जो तू एक हुंकार कर दे कांप उठे धरती।
औकात क्या है मुसीबतों कि वह तो तेरे चरण है पड़ती। ।।तुम एक म्यान हो और तुम्हारा साहस है तलवार।
इसे खींचो तुम और बाधाओं पर करो प्रहार।।
तुम एक वृक्ष हो अडीग खड़े रहने वाले बरसात धूप और शरद अपने ऊपर सहने वाले।।
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